हेलो दोस्तो फिर से हाजिर हों एक और नई चाणक्य नीति के साथ तो चलिए स्टार्ट करते है।
चाणक्य के अनुसार निरस्त मित्र पर कभी विश्वास नही करना चाहिए।
चाणक्य ने अच्छे और हितेशी मित्रो से भी सावधान रहने का परामर्श दिया है
क्युकी अच्छे और हितेशी मित्र भी आपको दोखा दे सकते हे।
इसी लिए ऐसे मित्रो से बच कर रहे।
यदि किसी करणवर्स हितेसी मित्र आपका सत्रों बन जाए तो।
चाणक्य कहते है की तुरंत वापस उससे अच्छे संबंध स्थापित कर ले।
नही तो आपको वो आपकी गोपनीय राज से आपको पहुचासकता है नुकसान।
नही तो जितना हो सके उस व्यक्ति से दूर हो जाए ।
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